कैसे-कैसे खेले हैं नसीब ने खेल मुझसे,
अब कैसे छिपाऊं अश्क इन आँखों में,
क्या बताऊँ क्या बिछड़ गया है मुझसे।
खुशबू बनकर आपके पास बिखर जायेंगे,
हवा बनकर आपके सांसो में समां जायेंगे,
धड़कन बनकर आपके दिल में उतर जायेंग
जरा महसूस करने की कोशिश तो कीजिये,
दूर रहकर भी पास नजर आएंगे.|
घर से बाहर कॉलेज जानेC लिए वो नकाब में निकली,
सारी गली उनके पीछे निकली,
इनकार करते थे वो हमारी मोहब्बत से,
और हमारी ही तस्वीर उसकी किताब से निकली।
काटे नहीं कटते लम्हे इंतज़ार के,
नजरें बिछाए बैठे हैं रस्ते पे यार के,
दिल ने कहा देखे जो जलवे हुस्न-ए-यार के,
लाया है उन्हें कौन फलक से उतार के।
ना जागते हुए ख्वाब देखा करों
ना चाहों उससे जिसे पा न सकों
प्यार कहाँ किसी का पूरा होता हैं,
प्यार का पहला अक्षर अधूरा होता हैं।
एक पल में जो आकर गुजर जाये,
ये हवा का वो झोका है और कुछ नहीं,
प्यार कहती है दुनिया जिसे,
एक रंगीन धोखा है और कुछ नहीं।
दीवाने है आपके इस बात से इंकार नहीं,
कैसे कहें कि हमें आपसे प्यार नही,
कुछ तो कसूर है आपकी अदाओं का
अकेले हम ही गुनेहगार नहीं।
यादों में तेरी जरा खो जाते हैं हम,
अश्क आँखों में आयें तो रो लेते हैं हम,
नींद तो नहीं आती आँखों में लेकिन,
ख्वाव में आएंगे वो ये सोच कर सो लेते हैं हम।
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