तेरी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की,
हम बेवजह खुद को खुशनसीब समझने लगे।
सुनो जिसकी #फितरत थी #बगावत करना ,., हमने उस दिल पे #हुक़ूमत की है ,.,!!!
हो सके तो मुड़ कर देख लेना जाते जाते,
तेरे आने के भरम में ज़िन्दगी गुज़ार लेंगे।
महफ़िल में गले मिल के वो धीरे से कह गए,
ये दुनिया की रस्म है मोहब्बत न समझ लेना।
सुना है की #समन्दर को बहुत #गुमान आया है उधर ही ले चलो #कश्ती जिधर #तूफ़ान आया है.,.!!!
चल पड़ा हूँ अब मैं भी #ज़माने के उसूलों पे ,. अब मैं भी अपनी #बातों से मुकर जाता हूँ ,.,!!!
कुछ अलग ही करना है तो वफ़ा करो दोस्त,
बेवफाई तो सबने की है मज़बूरी के नाम पर।
पहले इश्क फिर धोखा
फिर बेवफ़ाई,
बड़ी तरकीब से
एक शख्स ने तबाह किया।
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