यादों की हवा ज़ख्मों की दवा बन गई।
दूरी उनकी मेरी चाहत की सज़ा बन गई।
कैसे भूलूं में उन्हें एक पल के लिए ।
उनकी याद ही मेरी जीने की वजह बन गई।
तरसती नज़रो ने हर पल आपको ऐसे मागा।
जैसे हर अमावस में चांद मागा।
रूठ गया वो खुदा भी हमसे ।
जब हमने अपनी हर दुआ में आपको मागा।
प्यार हम उनको करते हैं।
जो हमारी फ़िकर करते हैं।
कदर हम उनकी करते हैं।
जो हमारी इज्ज़त करतें हैं।
जीते हैं हम उनके लिए।
जो हम पर मरते हैं।
मीठी मीठी यादे पलकों पे सजा लेना
एक साथ गुज़ारे पल को दिल में बसा लेना
नज़र ना आऊं हकीकत में अगर
मुस्कुरा कर मुझे सपनो में बुला लेना ।
जो प्यार का रिश्ता हम बनाते है।
उसे लोगो से क्यों छुपाते है।
क्या गुनाह है किसी को प्यार करना।
तो बचपन से हमे प्यार करना क्यों सिखाते है।
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