Aankhein shayari 2022 - Dil kee zubaan

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रविवार, 13 मार्च 2022

Aankhein shayari 2022

 😚👀🥰💞💟 

 उठती नहीं है आँख किसी और की तरफ, 

 पाबन्द कर गयी है किसी की नजर मुझे, 

 ईमान की तो ये है कि ईमान अब कहाँ, 

 काफ़िर बना गई तेरी काफ़िर-नज़र मुझे। 

 😚👀🥰💞💟

Aankhein shayari


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 महकता हुआ जिस्म तेरा गुलाब जैसा है, 

 नींद के सफर में तू एक ख्वाब जैसा है, 

 दो घूँट पी लेने दे आँखों के इस प्याले से, 

 नशा तेरी आँखों का शराब जैसा है। 

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 नशा जरूरी है ज़िन्दगी के लिए, 

 पर सिर्फ शराब ही नहीं है बेखुदी के लिए, 

 किसी की मस्त निगाहों में डूब जाओ, 

 बड़ा हसीं समंदर है ख़ुदकुशी के लिए। 

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 इश्क के फूल खिलते हैं तेरी खूबसूरत आँखों में, 

 जहाँ देखे तू एक नजर वहाँ खुशबू बिखर जाए। 

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 बिना पूछे ही सुलझ जाती हैं सवालों की गुत्थियाँ, 

 कुछ आँखें इतनी हाज़िर-जवाब होती हैं। 

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 तेरी आँखों की तौहीन नहीं तो और क्या है यह, 

 मैंने देखा तेरे चाहने वाले कल शराब पी रहे थे। 

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 क्या कहें, क्या क्या किया, तेरी निगाहों ने सुलूक, 

 दिल में आईं दिल में ठहरीं दिल में पैकाँ हो गईं। 

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 जब भी देखूं तो नज़रें चुरा लेती है वो, 

 मैंने कागज़ पर भी बना के देखी हैं आँखें उसकी। 

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 यह मुस्कुराती हुई आँखें 

 जिनमें रक्स करती है बहार, 

 शफक की, गुल की, 

 बिजलियों की शोखियाँ लिये हुए। 

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😚👀🥰💞💟 

 इतने सवाल थे मेरे पास कि 

 मेरी उम्र से न सिमट सके, 

 जितने जवाब थे तेरे पास सभी 

 तेरी एक निगाह में आ गए। 

 😚👀🥰💞💟

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